अधूरा सच



मुझको यह विश्वास नहीं है।

तुमको मेरी आस नहीं है।


मेरे गीत कहेंगे सब कुछ,

यद्यपि उनमें सांस नहीं है।


सुधियों ने जो गीत रचाया,

आंसू का उपहास नहीं है।


कलियों की मुस्कान है गायब,

ये कोई मधुमास नहीं है।


आंसू में पीड़ा जब घोलूं,

कैसे कह दूं प्यास नहीं है।


हर कल्पना अधूरी सी है,

जब तक प्रियतम पास नहीं है।


विरह वेदना क्यों कम होगी,

ये कोई परिहास नहीं है।


'मधुर' तुम्हारी बात हमेशा,

हृदय का संत्रास नहीं है।

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