Posts

Showing posts from April, 2010

प्रतीक्षा

Image
तुम मुझे मुड़ कर कहो तो एक दिन, पास आकर के बता दो एक दिन, मैं तुम्हारी आस में ठहरा हुआ हूं, झील में पत्थर तो फेंको एक दिन। मैं ना जानूं मैं ना समझूं क्या करु मैं, नैन से नैनों की भाषा क्या पढ़ूं मैं, मैं तुम्हारे हृदय की क्या थाह लूंगा, मैं तो दीवाना हूं तुमको चाह लूंगा, किन्तु ना इतने बनो अनजान तुम, प्रेम को आकाश दे दो एक दिन। एक गाथा प्रेम की मैं लिख रहा हूं, किन्तु अभिव्यक्ति में सकुचा दिख रहा हूं, पर मेरी हर कल्पना में सिर्फ तुम हो, ओस हूं बस धूप में मैं बिक रहा हूं। तुम मुझे इक बार होठों से लगा कर, नेह को अभिमान दे दो एक दिन। पुष्प सा सुंदर नहीं हूं जान लो तुम, मैं सुगंधित भी नहीं हूं मान लो तुम, प्रेम में मुझ सा सहज कोई नहीं है, जानना हो इस जगत को छान लो तुम। प्रेम का परिमाण तुमको क्या बताऊं, हृदय के पथ पर चलो तो एक दिन।